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14 Mar 2025, Fri

IMD ने अगले दिनों के लिए तापमान में गिरावट की भविष्यवाणी की

Chuvas fortes


दिल्ली-एनसीआर में बुधवार, 26 फरवरी को सुबह का नजारा हमेशा से अलग था। हल्की बारिश और गरज के साथ दिन की शुरुआत हुई, जिसने कई हफ्तों की तीव्र गर्मी के बाद राहत दी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि अगले दो दिनों तक यह मौसम बना रहेगा, जिसमें अधिकतम तापमान में कमी और स्थानीय जलवायु में बड़े बदलाव की उम्मीद है। हालांकि, वायु गुणवत्ता अभी भी “खराब” श्रेणी में बनी हुई है, क्योंकि प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ। गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद के निवासियों ने भी हल्की बूंदाबांदी की सूचना दी, जिसने शहरी और ग्रामीण दिनचर्या को प्रभावित किया।

फरवरी में असामान्य रूप से गर्म मौसम के बाद यह बदलाव कई लोगों के लिए अप्रत्याशित था, जब तापमान ने दशकों के रिकॉर्ड तोड़े थे। IMD ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल बन रहे हैं और हल्की बारिश हो रही है। लोनी देहात और हिंडन एएफ स्टेशन जैसे क्षेत्रों में बारिश अधिक तीव्र थी, जबकि बल्लभगढ़ में केवल बूंदाबांदी देखी गई। उच्च आर्द्रता और मध्यम हवाओं ने ठंडक का अहसास कराया, जो सूखे दिनों से बिल्कुल अलग था।

हालांकि बारिश को कई लोगों ने सराहा, लेकिन यह प्रदूषण के स्तर को सुधारने के लिए पर्याप्त नहीं थी। दिल्ली-एनसीआर में AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 200 से 300 के बीच बना हुआ है, जो “खराब” श्रेणी में आता है और स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है। स्थानीय अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, जबकि लोग इस अप्रत्याशित मौसम के अनुकूल ढल रहे हैं, जो अगले कुछ दिनों तक क्षेत्र के मौसम को प्रभावित करेगा।

गर्मी से राहत ने चौंकाया निवासियों को

दिल्ली-एनसीआर में बारिश का तत्काल प्रभाव

बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में हुई हल्की बारिश ने निवासियों को राहत दी, जो फरवरी भर औसत से अधिक तापमान का सामना कर रहे थे। द्वारका और पालम जैसे क्षेत्रों में 15 किमी/घंटा की हवाओं के साथ बारिश हुई, जिससे गर्मी का अहसास कम हुआ। बहादुरगढ़ और दादरी जैसे बाहरी इलाकों के किसानों ने अतिरिक्त नमी का स्वागत किया, जो सूखे से प्रभावित फसलों के लिए जरूरी थी। सड़कों पर, दिल्ली का व्यस्त ट्रैफिक धीमा हो गया, क्योंकि गीली सड़कों और कम दृश्यता ने ड्राइवरों के लिए चुनौतियां बढ़ाईं।

IMD ने बताया कि हाल के दिनों में 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने वाला अधिकतम तापमान शुक्रवार तक 24 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा। यह बदलाव बादलों और पश्चिमी विक्षोभ से आने वाली ठंडी हवा के कारण है। गुरुग्राम में कर्मचारी अब बेहतर थर्मल आराम की बात करते हैं, जबकि नोएडा में परिवारों ने हल्के मौसम का लाभ उठाकर बाहर समय बिताया, जो प्रदूषण और गर्मी के बीच दुर्लभ है।

अगले दिनों के लिए विस्तृत भविष्यवाणी

आगे देखते हुए, IMD ने 27 और 28 फरवरी के लिए अलर्ट जारी किया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और कैथल जैसे आसपास के क्षेत्र भी मौसम विभाग के रडार पर हैं, जहां कुछ जगहों पर 15 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। इन स्थितियों से न्यूनतम तापमान 14 डिग्री से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जिससे रातें ठंडी होंगी। अलग-अलग इलाकों में गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया गया है।

क्षेत्र में जीवन पर मौसम का असर

बारिश और प्रदूषण: जटिल संबंध

दिल्ली-एनसीआर में बारिश ने वायु गुणवत्ता पर इसके प्रभाव को लेकर चर्चा को फिर से जगा दिया है, जो दुनिया के बड़े शहरों में सबसे खराब में से एक है। उम्मीद थी कि बारिश जहरीली धुंध को कम करेगी, लेकिन प्रदूषण का स्तर अभी भी खतरनाक बना हुआ है। PM2.5 कण हवा में प्रमुख हैं, जो पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेष जलाने और औद्योगिक उत्सर्जन से बढ़े हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वातावरण को साफ करने के लिए भारी बारिश की जरूरत होगी, जो निकट भविष्य में नहीं दिख रही।

फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर, फेरीवाले जैसे अनौपचारिक श्रमिकों को नम मौसम से अतिरिक्त परेशानी हुई। हल्की बारिश माल ढोने और ग्राहकों की आवाजाही को कम कर रही है, जिससे उनकी दैनिक आय प्रभावित हुई। दूसरी ओर, राजौरी गार्डन जैसे आवासीय क्षेत्रों में निवासियों ने दृश्यता में सुधार और सांस की तकलीफ में कमी की बात कही। लाभ और असुविधा के बीच यह दोहरापन दिल्ली-एनसीआर जैसे महानगर में मौसम की जटिलता को दर्शाता है।

मौसम का कैलेंडर: सप्ताह के अंत तक क्या उम्मीद करें

IMD ने अगले कुछ दिनों के लिए स्पष्ट अनुमान दिया है, जिससे लोग मौसम के लिए तैयार हो सकें। यहाँ विस्तृत समयरेखा है:

  • बुधवार, 26 फरवरी: दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में गरज के साथ हल्की बारिश; अधिकतम 25 डिग्री और न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस।
  • गुरुवार, 27 फरवरी: गाजियाबाद और फरीदाबाद में मध्यम बारिश; अधिकतम 24 डिग्री और न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस।
  • शुक्रवार, 28 फरवरी: पूरे क्षेत्र में बूंदाबांदी और बादल छाए रहेंगे; अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस।
  • सप्ताहांत (1 और 2 मार्च): सूखे मौसम की वापसी संभव, तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि।

यह परिदृश्य धीरे-धीरे बदलाव का संकेत देता है, जिसमें नम मौसम मार्च की शुरुआत में स्थिर परिस्थितियों में बदल सकता है, हालांकि अगले सप्ताह नए विक्षोभ आ सकते हैं।

बारिश और प्रदूषण के बीच दिल्ली-एनसीआर की स्थिति

मौसम परिवर्तन के लिए लोगों का अनुकूलन

दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को लगातार प्रदूषण के बीच हल्की बारिश का सामना करने के लिए अनुकूलन की जरूरत पड़ रही है। मुंडका और पश्चिम विहार में स्कूलों ने नम और प्रदूषित हवा से बचने के लिए बाहर की गतिविधियों के समय में बदलाव किया। छपरौला जैसे बाहरी इलाकों में किसान नमी का उपयोग तेजी से बोआई के लिए कर रहे हैं, लेकिन ज्यादा पानी से संतृप्त मिट्टी को नुकसान का जोखिम भी है। लोगों की लचीलापन हर दिन परखी जा रही है, चाहे वह प्रदूषण के खिलाफ मास्क हो या बारिश के लिए छाते।

शहरी बुनियादी ढांचा भी प्रभावित हो रहा है। पालम में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर, गरज के दौरान कम दृश्यता ने हवाई संचालन में सावधानी बढ़ाई। बुधवार सुबह छोटी दूरी के उड़ानों में मामूली देरी हुई, हालांकि बड़े व्यवधान नहीं हुए। ठंडे मौसम का लाभ उठाने और इसके असर से निपटने के बीच संतुलन क्षेत्र के लाखों लोगों के मौजूदा अनुभव को परिभाषित करता है।

मौसम के प्रमुख कारक

बारिश के पीछे पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता है, जो उत्तर-पश्चिम भारत को पार कर रहा है। यह घटना सर्दियों और वसंत की शुरुआत में आम है, जो हिमालय पश्चिम से नमी लाती है और हरियाणा व पंजाब जैसे राज्यों को प्रभावित करने के बाद दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचती है। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि बुधवार को ज्यादातर क्षेत्रों में 2 से 5 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि नरवाना जैसे कुछ स्थानों पर 10 मिलीमीटर तक पहुंची। यह प्रणाली और स्थानीय प्रदूषण का मेल एक अनोखा वातावरण बनाता है, जो भविष्यवाणियों और पर्यावरणीय समाधानों को चुनौती देता है।

दिल्ली-एनसीआर में बुधवार, 26 फरवरी को सुबह का नजारा हमेशा से अलग था। हल्की बारिश और गरज के साथ दिन की शुरुआत हुई, जिसने कई हफ्तों की तीव्र गर्मी के बाद राहत दी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि अगले दो दिनों तक यह मौसम बना रहेगा, जिसमें अधिकतम तापमान में कमी और स्थानीय जलवायु में बड़े बदलाव की उम्मीद है। हालांकि, वायु गुणवत्ता अभी भी “खराब” श्रेणी में बनी हुई है, क्योंकि प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ। गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद के निवासियों ने भी हल्की बूंदाबांदी की सूचना दी, जिसने शहरी और ग्रामीण दिनचर्या को प्रभावित किया।

फरवरी में असामान्य रूप से गर्म मौसम के बाद यह बदलाव कई लोगों के लिए अप्रत्याशित था, जब तापमान ने दशकों के रिकॉर्ड तोड़े थे। IMD ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल बन रहे हैं और हल्की बारिश हो रही है। लोनी देहात और हिंडन एएफ स्टेशन जैसे क्षेत्रों में बारिश अधिक तीव्र थी, जबकि बल्लभगढ़ में केवल बूंदाबांदी देखी गई। उच्च आर्द्रता और मध्यम हवाओं ने ठंडक का अहसास कराया, जो सूखे दिनों से बिल्कुल अलग था।

हालांकि बारिश को कई लोगों ने सराहा, लेकिन यह प्रदूषण के स्तर को सुधारने के लिए पर्याप्त नहीं थी। दिल्ली-एनसीआर में AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 200 से 300 के बीच बना हुआ है, जो “खराब” श्रेणी में आता है और स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है। स्थानीय अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, जबकि लोग इस अप्रत्याशित मौसम के अनुकूल ढल रहे हैं, जो अगले कुछ दिनों तक क्षेत्र के मौसम को प्रभावित करेगा।

गर्मी से राहत ने चौंकाया निवासियों को

दिल्ली-एनसीआर में बारिश का तत्काल प्रभाव

बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में हुई हल्की बारिश ने निवासियों को राहत दी, जो फरवरी भर औसत से अधिक तापमान का सामना कर रहे थे। द्वारका और पालम जैसे क्षेत्रों में 15 किमी/घंटा की हवाओं के साथ बारिश हुई, जिससे गर्मी का अहसास कम हुआ। बहादुरगढ़ और दादरी जैसे बाहरी इलाकों के किसानों ने अतिरिक्त नमी का स्वागत किया, जो सूखे से प्रभावित फसलों के लिए जरूरी थी। सड़कों पर, दिल्ली का व्यस्त ट्रैफिक धीमा हो गया, क्योंकि गीली सड़कों और कम दृश्यता ने ड्राइवरों के लिए चुनौतियां बढ़ाईं।

IMD ने बताया कि हाल के दिनों में 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने वाला अधिकतम तापमान शुक्रवार तक 24 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा। यह बदलाव बादलों और पश्चिमी विक्षोभ से आने वाली ठंडी हवा के कारण है। गुरुग्राम में कर्मचारी अब बेहतर थर्मल आराम की बात करते हैं, जबकि नोएडा में परिवारों ने हल्के मौसम का लाभ उठाकर बाहर समय बिताया, जो प्रदूषण और गर्मी के बीच दुर्लभ है।

अगले दिनों के लिए विस्तृत भविष्यवाणी

आगे देखते हुए, IMD ने 27 और 28 फरवरी के लिए अलर्ट जारी किया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और कैथल जैसे आसपास के क्षेत्र भी मौसम विभाग के रडार पर हैं, जहां कुछ जगहों पर 15 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। इन स्थितियों से न्यूनतम तापमान 14 डिग्री से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जिससे रातें ठंडी होंगी। अलग-अलग इलाकों में गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया गया है।

क्षेत्र में जीवन पर मौसम का असर

बारिश और प्रदूषण: जटिल संबंध

दिल्ली-एनसीआर में बारिश ने वायु गुणवत्ता पर इसके प्रभाव को लेकर चर्चा को फिर से जगा दिया है, जो दुनिया के बड़े शहरों में सबसे खराब में से एक है। उम्मीद थी कि बारिश जहरीली धुंध को कम करेगी, लेकिन प्रदूषण का स्तर अभी भी खतरनाक बना हुआ है। PM2.5 कण हवा में प्रमुख हैं, जो पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेष जलाने और औद्योगिक उत्सर्जन से बढ़े हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वातावरण को साफ करने के लिए भारी बारिश की जरूरत होगी, जो निकट भविष्य में नहीं दिख रही।

फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर, फेरीवाले जैसे अनौपचारिक श्रमिकों को नम मौसम से अतिरिक्त परेशानी हुई। हल्की बारिश माल ढोने और ग्राहकों की आवाजाही को कम कर रही है, जिससे उनकी दैनिक आय प्रभावित हुई। दूसरी ओर, राजौरी गार्डन जैसे आवासीय क्षेत्रों में निवासियों ने दृश्यता में सुधार और सांस की तकलीफ में कमी की बात कही। लाभ और असुविधा के बीच यह दोहरापन दिल्ली-एनसीआर जैसे महानगर में मौसम की जटिलता को दर्शाता है।

मौसम का कैलेंडर: सप्ताह के अंत तक क्या उम्मीद करें

IMD ने अगले कुछ दिनों के लिए स्पष्ट अनुमान दिया है, जिससे लोग मौसम के लिए तैयार हो सकें। यहाँ विस्तृत समयरेखा है:

  • बुधवार, 26 फरवरी: दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में गरज के साथ हल्की बारिश; अधिकतम 25 डिग्री और न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस।
  • गुरुवार, 27 फरवरी: गाजियाबाद और फरीदाबाद में मध्यम बारिश; अधिकतम 24 डिग्री और न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस।
  • शुक्रवार, 28 फरवरी: पूरे क्षेत्र में बूंदाबांदी और बादल छाए रहेंगे; अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस।
  • सप्ताहांत (1 और 2 मार्च): सूखे मौसम की वापसी संभव, तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि।

यह परिदृश्य धीरे-धीरे बदलाव का संकेत देता है, जिसमें नम मौसम मार्च की शुरुआत में स्थिर परिस्थितियों में बदल सकता है, हालांकि अगले सप्ताह नए विक्षोभ आ सकते हैं।

बारिश और प्रदूषण के बीच दिल्ली-एनसीआर की स्थिति

मौसम परिवर्तन के लिए लोगों का अनुकूलन

दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को लगातार प्रदूषण के बीच हल्की बारिश का सामना करने के लिए अनुकूलन की जरूरत पड़ रही है। मुंडका और पश्चिम विहार में स्कूलों ने नम और प्रदूषित हवा से बचने के लिए बाहर की गतिविधियों के समय में बदलाव किया। छपरौला जैसे बाहरी इलाकों में किसान नमी का उपयोग तेजी से बोआई के लिए कर रहे हैं, लेकिन ज्यादा पानी से संतृप्त मिट्टी को नुकसान का जोखिम भी है। लोगों की लचीलापन हर दिन परखी जा रही है, चाहे वह प्रदूषण के खिलाफ मास्क हो या बारिश के लिए छाते।

शहरी बुनियादी ढांचा भी प्रभावित हो रहा है। पालम में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर, गरज के दौरान कम दृश्यता ने हवाई संचालन में सावधानी बढ़ाई। बुधवार सुबह छोटी दूरी के उड़ानों में मामूली देरी हुई, हालांकि बड़े व्यवधान नहीं हुए। ठंडे मौसम का लाभ उठाने और इसके असर से निपटने के बीच संतुलन क्षेत्र के लाखों लोगों के मौजूदा अनुभव को परिभाषित करता है।

मौसम के प्रमुख कारक

बारिश के पीछे पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता है, जो उत्तर-पश्चिम भारत को पार कर रहा है। यह घटना सर्दियों और वसंत की शुरुआत में आम है, जो हिमालय पश्चिम से नमी लाती है और हरियाणा व पंजाब जैसे राज्यों को प्रभावित करने के बाद दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचती है। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि बुधवार को ज्यादातर क्षेत्रों में 2 से 5 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि नरवाना जैसे कुछ स्थानों पर 10 मिलीमीटर तक पहुंची। यह प्रणाली और स्थानीय प्रदूषण का मेल एक अनोखा वातावरण बनाता है, जो भविष्यवाणियों और पर्यावरणीय समाधानों को चुनौती देता है।

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